السلام علیکم

राह-ए-खुदा पर चलके देश भर के ग़ुमराह मुसलमानों को राहे नेक़ पर लाने की क़वायद करने वाले जमात-ए-तबलीग़ में सफ़र कर रहे दाइयों को अगर ट्रेन, बस स्टैंड या एयरपोर्ट पर या मुक़ामी मस्जिदों के इर्दगिर्द कोई मुसीबत पेश आए तो तत्काल मुस्लिम मददगाह के ख़िदमतगारो से राफ़ता क़ायम करे!!





बेरसिया


जमात-ए-तब्लीक को बदनाम करता बेहयाई का बाज़ार !!
बेरसिया

जमात-ए-तबलीग़ के नाम को बदनाम करने वाले मेले को बंद करवाने के लिए मुस्लिम मददगाह ने की शिकायत!!!

अनम इब्राहिम

ताजुल मसाजिद के अतराफ़ में सालाना इज़्तिमे के नाम पर भरने वाले मेले को बंद करवाने की मुहीम में मुस्लिम मददगाह का साथ दे!!!

राजधानी भोपाल में माशाअल्लाह पिछले 5 दशक से जामत-ए-तबलीग का सालाना इज़तीमा ताजुल मसाजिद में लग रहा था और हर वर्ष मज़हबी श्रदालुओं की संख्या में भारी बढोतरी भी हो रही थी इज़्तिमे में शामिल होने वालों की बढ़ती तादात की वजह से राजधानी के मुख्य चिकित्सालय हमीदिया और ताजुल मसाजिद के तीनों तरफ़ के तंग रास्तो पर दर्जनों निजी चिकित्सालायों में आने जाने वाले प्रदेश भर के मरीज़ो को सड़कों पर जाम से जूझना पड़ रहा था और आम राहगीरों के वाहन तीन दिन के इज़्तिमे के चलते सड़को पर थम जाया करते थे। इन तमाम उभरती मुसीबतों को देख इज़्तिमे के और प्रशासनिक जुम्मेदारो ने मिल कर जामत-ए-तबलीग का सालाना भरने वाला इज़तीमा शहर के बाहर ईंटखेड़ी में स्थित कर दिया था। जिसके बाद चंद लोभियों ने इज़्तिमे के नाम पर ताजुल मसाजिद के पास अस्थाई मेला लगाना शुरू कर दिया और इज़्तिमे के नाम को बदनाम करते चले गए! जमात-ए-तब्लीग़ का वैसे तो सालाना इज़तीमा महज़ 3 दिन का होता है परन्तु उस इज़्तिमे के नाम पर ताजुल मसाजिद की हदो में बेहयाई का अस्थाई मेला चार माह तक भरता है जिस अस्थाई मेले का जामत-ए-तबलीग़ के इज़्तिमे से कोई लेना देना नही है। चंद लालची लोग लाभ कमाने के लिए इस अस्थाई मेले को संचालित कर जमात-ए-तबलीग़ के नाम को बदनाम ही नही कर रहे बल्कि यातायात भी प्रभावित करते है और साथ ही इबादतगाह के इर्दगिर्द दीवारों पर पेशाब कर गन्दगी फैलाते पीछे खुले में शौच कर तालाब तक को गन्दगी से तर कर देते हैं। बहरहाल इस बार इस बेहयाई के बाज़ार को बंद करवाने के लिए मुस्लिम मददगाह ने शासकीय दफ़्तरों पर शिकायती अर्ज़िया पेश की है भोपाल कमिश्नर, कलेक्टर, भोपाल आईजी, डीआईजी, एसपी नार्थ, निगम कमिश्नर, महापौर को जो लिखत आवेदन दिया है वो मुस्लिम मददगाह अवाम के बीच समाचार के साथ साझा कर रहा है !!!!!

 

तमाम मुस्लिमो से इल्तेज़ा है कि इस मेसेज को हर ईमान वाले तक पहुँचाए!!!

1. जमात-ए-तबलीग़ इज़्तिमे के नाम पर भरने वाले बेहया मैले के दौरान चौराहे तिराहे की सड़कों पर यातायात व्यवस्था ठप होती रहती है।

2. महीनों इज़्तिमे के नाम पर भरने वाले फ़र्ज़ी मेले के चलते पवित्र मस्जिद के इर्दगिर्द गन्दगी के ढेर लग जाते है!!!

3. अस्थाई फ़र्ज़ी मेले के दुकानदार कर्मचारी और हज़ारो ग्राहकों के लिए शौचालय की सुविधा नही रहती है। ये सब खुले में शौच कर मस्जिद के इर्दगिर्द दीवारों को और तलाब को गन्दगी के घेरे ला खड़ा करते हैं!!

4. हमीदिया और नीजी चिकित्सालय में आने वाली एम्बुलेम्स और गम्भीर मरीजो की राह का महीनों तक रोड़ा बना रहता है फ़र्ज़ी मेला!!

5. इज़्तिमे के नाम पर भरने वाले मेले में पार्किंग सुविधा नहीँ रहती है बल्कि ताज मार्किट के क्लीनिकों की निजि पार्किंग को मेला माफ़िया पार्किंग बना वाहनों से अवैध पैसा उगाई करते है।

6. इज़्तिमे के नाम पर भरने वाले मेले में हर साल कई महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की वारदात गुज़रती है और साथ मे शराबियों और बदमाशो के विवाद के मामले भी दर्ज़नो थाने पहुँचते है!!!

7. यह फर्जी मेला दफ्तर जाने के दौरान शहर-ए-काज़ी साहब व उलेमाओं की राह का रोड़ा भी बनता हैं!  

जमात-ए-तबलीग़ के नाम को बदनाम करने वाले इस बेहयाई के बाज़ार से और भी हज़ारो समाजिक समस्याएं उतपन्न होती है।



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