السلام علیکم

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जम्मू और कश्मीर


मदरसों व इस्लामिक तंजीमो ने योमे 26 जनवरी का जशन बनाया आन बान और शान से !!!
जम्मू और कश्मीर

मदरसों व इस्लामिक तंजीमो ने योमे 26 जनवरी का जशन बनाया आन बान और शान से !!!

मुल्क़ की मोहब्बत के तरानों में तर मदरसों पर नही पड़ी मीडिया व हाकिमों की निगाह!!!!!

वतन हिन्द पर मर मिटने का जज्बा रखने वाले मदरसे इन दिनों उदासियों के घेरे में घिर चुके हैं हां ये वही हिन्दुस्तानी मदरसे हैं जो अंग्रेजो से रात के अँधेरे में और दिन के उजाले में वतन के ख़ातिर लड़ते रहते थे इतिहास गवाह है मदरसो के छात्रों में मुल्क़ से मोहब्बत का पैमाना हर दौर में झलकता आया है आज़ादी के भी कई दसक पहले से मदरसे मानवता अमन एकता का पाठ पढ़ाते आए हैं मदरसो में वतन से दगा करने की नही वतन पर मर मिटने की तरबियत दी जाती है तभी तो जंग-ए-आज़ादी में अंग्रेजो से लड़ते लड़ते हिंदुस्तान के मदरसो के उलेमाओ ने अपनी जान दे डाली लेकिन उन सहीदो उलेमाओ की सहादत के ईतिहास को भी जिंदा दफ़ना दिया जा रहा है भोले भाले हिन्दू भाइयों को बहकाकर मदरसो के लिए उनकी नकारात्मक सोच बनाई जा रही है जब मदरसो की हक़ीकत वो सभी गैरमुस्लिम भी जानते है जो मदरसो के अतराफ़ में रहते हैं मदरसे तहज़ीब के वो कारखाने हैं जहां अदब की परवरिश होती है अगर किसी के दिल मदरसो को लेकर कोई सवाल उठे तो उसे चाहिए कि अपने आसपास के किसी मदरसे में कुछ वक़्त के लिए दाखिला लेले लेकिन कहीं सुनी बातों को मन मे बैठा मदरसो के लिए नज़रिया न बदले मदरसे राष्ट्रीय सेवक के किरदार को निभाते हैं ऐसे वतन परस्त मज़हबी मुकामो को शकिली निगाह से देखना एक सच्चे राष्ट्रवादी के खून को पीने जैसा है

      

तमाम तानो बानो के दर्मिया घसीटते हुए भी देश के मदरसे व् इस्लामिक तंजीमो ने मुल्कभर में जोक शोक से योमे जमूरियत का जशन बनाया लेकिन अफ़सोस मुँह से आग लगाने वाली मिडिया को 

मदरसे का देश प्रेम उलेमाओ की तिरंगे को सलामी इस्लामिक तंजीमो के जश्न नज़र नहीं आये 

मसजिद कमेटी वक़्फ़ बोर्ड ओकाफ ए अम्मा व् जयरतगाहो पर भी मुल्क़ की मोहब्बत की महफिले सजी थी कई मदरसों के बच्चो के वतनपरस्त होलिये मुल्क की जीनत बने तो 

कई जगह देर रात तक २६ जनवरी का जश्न देर रात तक भी चलता रहा  



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