मुस्लिम बस्तियां


भोपाल

ग़रीब छात्रा की कॉलेज फ़ीस जमा करने के लिए पत्रकार साथी राहत का फ़रिश्ता बन सामने आया!!!
भोपाल

ग़रीब छात्रा की कॉलेज फ़ीस जमा करने के लिए पत्रकार साथी राहत का फ़रिश्ता बन सामने आया!!!

(मुस्लिम मददगाह)


भोपाल: बचपन मे अम्मी हमेशा कहा करती थी कि इस दुनिया मे जब जब निर्धन मुफ़लिस मजलूम बेसहारों पर मुसीबत आती है तो उनकी मदद के लिए अल्लाह हम इंसानों में से ही चंद लोगो को ज़रिया बना राहत परोसते है। 

कुछ ही देर पहले एक ग़रीब बाप की बेटी की कॉलेज एड्मिसन फीस  के लिए मुस्लिम मददगाह ने ख़बर के ज़रिए शहर के हमदर्दों से दरख़्वास्त की थी जिसे पढ़कर एक रहमदिल पत्रकार ने तत्काल राफ़ता क़ायम कर के ग़रीब बच्ची की एड्मिसन फ़ीस जमा करने की पहल कर दी पत्रकार साथी ने अपना नाम गोपनीय रखने की ताकित की है वरना आज क़ायनात के ख़ुदा कि क़सम में अनम इब्राहिम अपने लफ़्ज़ों से हमदर्द  पत्रकार साथी की शख़्सियत को सवारने की हरचन्द क़वायद करता !
अल्लाह आप को मैरे भाई हर वक़्त अपने रहम के साये में मेहफ़ूज़ रखे!!!!


 टीआई जितेंद्र पाठक को थोड़ी सी देर हो गई वरना इस नेक काम को वो ही अंज़ाम देते!!

टीआई जितेंद्र पाठक का नाम पुलिसिंग से हटकर समाज में मददगारों की फ़ेहरिश्त में  अव्वल स्थान पर आता है ये वो ही जितेंद्र पाठक है जिन्होंने 5 ग़रीब मुस्लिम बच्चियों का पढ़ाई का ख़र्चा उठाया था ये वो ही जितेंद्र पाठक है जिसने रक्त केंसर पीड़ित नेहा खान के इलाज़ की पहल की थी जितेंद्र का दिल एक फरिश्ता क़िरदार है जो कई संस्थानों के ज़रिए ग़रीब बच्चो की शिक्षा के लिए अपना जान माल वक़्त लगाते रहते है। आज जितेंद्र पाठक मध्यप्रदेश के बाहर है जैसे ही उन्होंने ग़रीब छात्रा की कॉलेज फीस की ख़बर पड़ी तो तत्काल मुस्लिम मददगाह से राफ़ता क़ायम किया लेकिन इस बार उनकी जगह पहले ही एक हमदर्द पत्रकार ले चुके थे। 

दोस्तों किसी जरूरतमन्द की मदद करने से वक़्ती तौर पर सामने वाले कि ज़रूरत तो पूरी हो जाती है लेकिन मदद करने वाला खुद को व अपने परिवार के नुमाइंदों को हर बला और आफ़तों से लम्बे वक़्त तक मेहफ़ूज़ कर लेता है please अपने आसपास मौज़ूद जरूरतमन्द मोहताजों की मदद के लिए पहल कर के दिली सुकून हासिल करें अच्छा महसूस होगा। 






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