السلام علیکم


अल्लाह का ज़ाफ़ता है क़ानून है वो हर एक ज़रूरतमंद ज़िन्दगियों के लिए अपने नेक बन्दों को राहत परोसने का ज़रिया बनाता है! यारो मोहताज़गी में बसर ईमान वालो की दम तोड़ती ज़िन्दगियों को सहारा देकर दिली सुकून हासिल करें!

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कटनी


मोहताज राहत की मदद के लिए फ़रिशता बना अज़नबी!!
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मोहताज राहत की मदद के लिए फ़रिशता बना अज़नबी!!

एड्स पीड़ित राहत को पहुची राहत !!

अनम इब्राहिम 

रब की रहमत किस तरह नाज़िल होती है उस तरह नाज़ील होती है जिस तरह भी नाज़िल होती है लेकिन नाज़ील होकर ही रहती है क्यों कि उसने तमाम जहां के जरूरतमन्दों की मदद के लिए दरियादिल रहमदिल अपने नेक बन्दे रखे हैं जो दुसरो के दर्द पर पिघल कर फफक जाते है और इंसानी जिश्म में कैद रहने के बावज़ूद भी उनके दिल उभरकर एक अच्चेख़ासे आम आदमी को फ़रिशता क़िरदार बना देते है!!

ऐसा ही एक मसीहा एक बेवा बीमार माँ और उस की दो यतीम औलादों के घर का चराग़ जला गया ! वो कौन है जिस के क़िरदार के बारे में लिखने से पहले ये गुनहगार निगाहें अब तक उसका दीदार नही कर पाई जिसको ज़रिया बनाकर मौला ने बेचैन राहत की ज़िंदगी में वक़्ती इत्मिनान सुकून और राहत परोसी है अल्लाह के नेक बन्दे ने एक मज़बूर बैसहरा तंग हालातों से जूझती हुई मोहताज़ माँ राहत के दर्द को भाप मुस्लिम मददगाह के ज़रिए मदद की पहल की! अनम इब्राहिम उस सख़्श के देवता क़िरदार दरिया दिल को सलाम करता है अल्लाह उस सख्सियत को हमेशा अपने रहम के साये में महफ़ूज़ रखे !

मुस्लिम मददगाह के ख़ेमे जरूरतमंद ज़िन्दगी में एक बेवा एड्स पीड़ित मज़बूर बेसहारा औरत व उस के दो मासूम नन्हें बच्चों की कारगुज़ारी का ज़िक्र बयां किया गया था { गम के गहरे घाव से घायल ज़िंदगी } जिसे लाखों लोगों ने पढ़ा  था लेकिन उस का असर एक ऐसे रहम दिल पर हुआ जो भोपाल से नही है न ही राहत व उसके बच्चों से कभी रूबरू हुआ है !

मुस्लिम मददगाह इंशाअल्लाह इन दोनो बच्चों (निज़ाम और कामिल) की ज़िंदगी भर स्कूली निगेहबानी अपनी जेर- ए-निगरानी में करेगा।

मुस्लिम मददगाह इंशाअल्लाह इन दोनो बच्चों (निज़ाम और कामिल)

की ज़िंदगी भर स्कूली निगेहबानी अपनी जेर- ए-निगरानी में करेगा!!

आज उस नेक बन्दे की मदद को मुस्लिम मददगाह के ज़रिए राहत व उसके दो नन्हे फ़रिश्तों को परोस दिया गया है राहत के घर पेट की आग भुझाने के लिए रोटी का इंतेज़ाम करवा दिया गया है और साथ ही दूसरी ज़रूरतो के क़त्ल कर ने के लिए एक मज़बूर एड्स से पीड़ित बैसहरा माँ के हाथों में कागज़ के तुकडो की ताकतवर नोटों की तलवार थमा दी है राहत के दोनों बच्चों स्कूली यूनिफॉर्म व नगद घर के सामान को देने के बाद मुस्लिम मददगाह की जमात ने राहत के दोनों बच्चों की दिनी व स्कूली तालीम का भी जिम्मा उठाया है। 

नॉट मदद करने वाली सख्सियत मध्यप्रदेश के कटनी जिले की है जो एक क़ाबिल शासकीय अफ़सर भी है उनके दुआरा की गई मदद को वो जगज़ाहिर नही करना चाहते थे इसलिए उनका नाम नही लिखा

वरना मुस्लिम मददगाह की क़लम का ईरादा उनके नाम की शख़्सियत को और भी सवारने का था !!

आप के जज़्बा-ए-ज़िगर को मुस्लिम मददगाह का सलाम!






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