रास्तों की वीरानी और जलती धूप से डरने वाले मंजिल तक नहीं पहुंच सकते

इबरत-ए-ज़िन्दगी

 

• रास्तों की वीरानी और जलती धूप से डरने वाले मंजिल तक नहीं पहुंच सकते

• वक्त एक ऐसा आवारागर्द है जो आज तक कही नहीं ठहरा।

• गुजरा हुआ वाक़ेआ गुजरता ही तो नहीं है बल्कि वह याद बनकर बार-बार गुजरता है।

• कभी-कभी ख़ुलूस खून से भी आगे निकल जाता है।

• इंसान अपनी गलतियां सही साबित करने के लिए ख्यालात और हालात छुपाने के लिए अल्फाज का सहारा लेता है।

• दूसरों के साथ ज्यादा अच्छा सुलूक वही शख्स करता है जो ज्यादा मुसीबतों में मुब्तिला रह चुका है।

• किसी का दिल मत दुखाओ क्योंकि मुआफी मांग लेने के बावजूद उसे दुख जरूर रहेगा

ठीक वैसे ही जैसे दीवार में लगी कील को निकालने से निशान बाकी रह जाता है।






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