सतना


अगवा हुए बच्चो के कत्ल के बाद PHQ में पदस्त ख़ाकीदारी का तड़प उठा दिल
सतना
शेरों-शायरी

12 फरवरी, 2019 को सतना, चित्रकूट में स्कूल बस से तेल कारोबारी के जुड़वां बेटों का अपहरण करने वाले बदमाशों ने फिरौती की रकम लेने के बाद निर्मम हत्या कर दी थी ।

वो दो मासूम बच्चे तो अब इस दुनिया में रहे नहीं

लेकिन उनका दर्द मध्य्प्रदेश पुलिस में अपनी सेवा दे रहे निशेष बेग ने कुछ यु ब्यान की ....

बहुत डरा डरा रहा होगा 

वो रो रो के थक कर सो गया होगा 

मेरे पापा मुझे लेने आएंगे 

आखिरी सांस तक इंतज़ार किया होगा 

वो नन्हा फरिश्ता ऐसे ही खो गया होगा 

वो नन्हा करता भी क्या अपनों को पहचानकर 

शायद खुश हो गया होगा वो ज़ालिम उस पर हावी हो गया होगा 

आखिरी सांस तक इंतज़ार किया होगा 

कितनी भीड़ से इंसानो से भरी हैं दुनिया 

क्या मुझे एक आँख ने भी नहीं देखा होगा 

किसी का लखत-ए-जिगर था, आँखों का नूर था, घर का सुकून था 

वो दिल का टुकड़ा, आँखों का नूर, घर का सुकून, आंसुओं से तर-बतर घर सारा हो गया होगा 

आखिरी सांस तक इंतज़ार किया होगा 

किस से शिकायत करू मैं अपने जहाँ में ना होने की 

मेरे माँ बाप को सज़ा मिली हैं उम्र भर रोने की

किसी सरकार का कुछ नहीं गया होगा

आखिरी सांस तक इंतज़ार किया होगा 

ना जाने कितने माँ बाप बिलक कर रो रहे हैं 

शाह काली रातो में चाँद अपना ढूँढ रहे हैं 

आस हैं किसी बदली से तो निकला होगा 

आखिरी सांस तक इंतज़ार किया होगा 

मेरे जैसे ना जाने कितने तारा बनकर चमक रहे हैं

गहरी अंधी काल कोठरी में ज़ालिम का सितम वो झेल रहे हैं 

इल्ज़ामो का बाज़ार सरकारों ने गरम किया होगा 

आखिरी सांस तक इंतज़ार किया होगा 

क्या ऐसे ही मेरे मम्मी पापा आंसुओ का दरिया बहाते रहेंगे 

क्या यह सियासतदार सिसकियों को दलीलों और मुद्दों से दबाते रहेंगे 

क्या सरहदों और शहरों में हम यु ही मरते रहेंगे 

क्या आंसुओ का सिलसिला यू ही चलता रहेगा 

कब तक, कब तक, कब तक ?

 

 

 






Comments

Ansar2019-02-26 23:39:36

दिल की आवाज कलम ने वयान दी न बोल सके वो मासूम आपने वया कर दी शुकिया भाई



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