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कुर्बानी के जानवर को गोली मार कर ज़ुबा करने पर क्या कहना है शहर-ए-क़ाज़ी साहब का???
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कुर्बानी के जानवर को गोली मार कर ज़ुबा करने पर क्या कहना है शहर-ए-क़ाज़ी साहब का???

शहर-ए-क़ाज़ी

जब शिकार कर कुर्बानी करने का मसला मुस्लिम मददगाह ने शहर ए काज़ी साहब से साझा किया तो उन्होंने बताया गोली क्यों मारा? गोली मारने के बाद जानवर जिंदा भी रहा कि नही,,, क्या किया क्या नही किया उन्होंने उसके बाद? अगर जानवर के जिंदा रहते हुए ज़ुबा कर लिया हैं उन्होंने तो बहुत ठीक बात है वो ज़ुबा तो हो जाता हैं। गोली क्यों मारी उन्होंने? जानकर मारी गोली? अगर जानवर पागल हो जाए तो इस तरह ज़ुबा कर सकते हैं। पहले भी यह मसला किसी ने पूछा था मुझसे की जानवर पागल हो गया हैं काबू में नही आ रहा हैं तो इस तरह मार कर ज़ुबा करना जायज़ हैं। क्या करे काबू नही आ रहा था मार रहा था तो क्या करे। वैसे इस तरह ज़ुबा नही कर सकते यह तो तब होता हैं जब जानवर काबू में नही आ रहा हैं मार रहा हैं। लेकिन ये तरीक़ा ग़लत है।






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