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वली मोहम्मद की बीमार,मोहताज़ ज़िन्दगी को मदद की है ज़रुरत!!!
भोपाल
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वली मोहम्मद की बीमार,मोहताज़ ज़िन्दगी को मदद की है ज़रुरत!!!

मुस्लिम मददगाह

 

```इल्तेज़ा: इस खबर को क़ौम के हालात से बेख़बर आरिफ़ अक़ील तक पहुचाए!!!```

 

Anam ibrahim

Shayan ahmad

9425990668

 

भोपाल: एक ज़ानिब जमाने भर की राहत का लुफ़्त शहर के हर बाशिन्दों को नसीब हो रहा है तो वही 65 वर्ष के बुजुर्ग बीमार वली मोहम्मद की ज़िन्दगी खाने की ही नही दवा की भी मोहताज़ बन बैठी है, मुस्लिम मददगाह के मोबाईल पर एक फ़ोन आया सामने से बूढ़ी औरत की रोती हुई आवाज़ कानो में आई जिसने सलाम कर झिजकते हुए सिसकियों के साथ दरयाफ़्त किया कि हम रेल की पटरियों के पास झुग्गी बस्ति से बात कर रहे हैं मेरे शौहर बीमार है दवा की ज़रूरत है अल्लाह के ख़ातिर मदद करें,बहरहाल जिसके बाद मुस्लिम मददगाह की टीम थाना निशातपुरा इलाके में मौज़ूद रेल की पटरियों के पास अन्नू नगर झुग्गी बस्ती में वली मोहम्मद की झुग्गी में तलाश करते हुए पहुची तो देखा एक बुजुर्ग शख़्स दर्द से कन्हार रहा है जब उस सख़्श से रूबरू हुए तो मानो जैसे उस बुजुर्ग सख़्श के दर्द ने तबादला लेकर मुस्लिम मददगाह के नुमाइंदों के दिलो में घर कर दिया, बुजुर्ग वली मोहम्मद की माली एहेतबार हालत तो ख़स्ता थी उस पर जिश्म के आधे हिस्से पर लक़वे ने कब्ज़ा जमा लिया था, बीमारी से जूझते बुजुर्ग वली की उम्रदराज़ बीवी ने पैबन्ददार फ़टे पर्दे की आड़ से धीमी आवाज़ में कहा एक हफ़्ते से ज़्यादा हो गए इनकी दवा ख़त्म हुए जिस वजह से दर्द में पलपल इज़ाफ़ा होता चला जा रहा है अल्लाह के खातिर दवा का इंतेज़ाम करवा दीजिए हमे पैसे नही चाहिए,बस वली मोहम्मद झुग्गी जैसे ही सर झुकाकर बहार निकलना हुआ तो आसपास के नुमाइंदों ने वली मोहम्मद की कारगुज़ारी बताया शुरू कर दिया कि वली मोहम्मद के घर मे तक़रीबन 6 महीने से चूल्हा नही जला

आसपास के लोग बचा हुआ खाना पहुचा देते हैं,सच जानो वली मोहम्मद की खस्ताहाल ज़िन्दगी से रूबरू होकर कलेजा मुह को आने लगा मौला ज़िन्दगी में ग़रीबी दे मगर सेहत के साथ लेकिन इस तरह निर्धनता से तर हो चुके बदन पर मर्ज़ को मुसल्लत ना करें,यारो हमदर्दों बेबस बुजुर्ग वली मोहम्मद की इयादत के लिये जाओ उनकी दवा का इन्तेज़ाम करो और बदले में दुआएं साथ लेकर आओ

 

बीमार वली मोहम्मद की मदद करने की मंशा रखने वाले हज़रात मुस्लिम मददगाह से राफ़ता क़ायम कर वली मोहम्मद के पास पहुंच सकते हैं*

 

दुआओं के तलबगार

मुस्लिम मददगाह के खिदमतगार






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