हिन्दुस्तान की कुल 5417 मस्जिदों का पंजीयन हो चूका हे
सबसे पवित्र स्थल, काबा, को पूरी तरह से घेरने वाली एक मस्जिद है। यह सउदी अरब के मक्का शहर में स्थित है और दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद है।..
मस्जिद-ए-नबवी का निर्माण पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु ने सन् 622 अथवा 623 में करवाया था। मूल मस्जिद आयत आकार का था।
मुगल शासक शाहजहाँ ने 1644 और 1656 के बीच इस मस्जिद का निर्माण करवाया था........
बीमापल्ली मस्जिद बीमा अम्मा ने त्रिवेन्द्रम(केरेला) में नागमनी नादर द्वारा तोहफे में दी गई ज़मीन पर बनाई थी|....
मोती मस्जिद का तामीरी काम सन 1860 में भोपाल राज्य की रानी सिकंदर बेगम ने कराया |
भोपाल की ढाई सीढ़ी मस्जिद को देश की सबसे छोटी और भोपाल की सबसे पहली मस्जिद होने का दर्जा हासिल है।
इस मस्जिद का निर्माण मोहम्मद शाह ने शुरू किया था लेकिन 1840 ई. में उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने इसे पूरा करवाया।
ताज-उल-मस्जिद एशिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है।इस मस्जिद को “अल्लाह का गुम्बद” भी कहा जाता है।..
बात: हाजी अली की दरगाह वरली की खाड़ी में स्थित है। मुख्य सड़क से लगभग ४०० मीटर की दूरी पर यह दरगाह एक छोटे से टापू पर बनायी गयी है।
मुगल शासक शाहजहाँ ने 1644 और 1656 के बीच इस मस्जिद का निर्माण करवाया था........
माँ-बाप की फरमाबरदारी करने वाले हर दिल अजीज हो जाते हैं!!
मेरे यारो याद रखो मां बाप की फरमा बरदारी तमाम अखलाक व अदब की हर एक चीज से भी ज़्यादा प्यारी है और यही उन की फरमा बरदारी और खिदमतगुजारी तमाम लोगों में हर दिल अजीज बनने का जरिया भी है। अगर यह कुंजी तुमने हासिल कर ली तो इंशा अल्लाह तआला हर जगह इज्जत व आबरू हासिल करोगे यह शुरू की मंज़िल है इसमें तालीम और तरबियत अखलाक व तहजीब इन्किसारी फरमाबरदारी खिदमतगुज़ारी सिख लोगे तो हर जगह हर एक की नजर में हर दिल अजीज और प्यारे बन जाओगे तुम जानते हो दुनिया में इज्जत आबरु किस को हासिल होती है हर एक के दिल में किसकी मोहब्बत होती है किस की सोहबत (साथ) को हर शरीफ इंसान पसंद करता है और हर समझदार आदमी किस की सोहबत (साथ) को अपने लिए फक्र की वजह समझता है क्या दुनिया में उसकी इज्जत व आबरू होती है जो बद-अखलाख व बद-मिजाज़ बदतमीज़ हो क्या हर एक के दिल में उसकी मोहब्बत होती है जो बद-ज़बान हो भला कोई शरीफ आदमी झूठे लड़ाकू जलने वाले इंसान को पसंद करता है?क्या बे-हुनर बद-सलीका बद-तहज़ीब की सोहबत साथ को अपने लिए फक्र की वजह समझता हैं? हरगिज़ नहीं बल्कि समझदार आदमी बा-अदब खुशमिज़ाज़ बा-अखलाख मीठे बोल वाला और मोहब्बत को अपने लिए फक्र की वजह समझता है।
इसलिए बचपन से ही माँ बाप से रिश्तेदारों से मोहब्बत ख़ुलूस अदब से पेश आओ और उनकी सोहबत साथ मे रहकर ज़िन्दगी का वो सलीका सीखों जिसे दुनिया पशनद करती है!! दुनिया की पहली तालीमगाह आप का अपना घर है।
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